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तीन घटनाएँ / मंगलेश डबराल

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'''तीन घटनाएँ'''{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=मंगलेश डबराल}}[[Category:कविता]]
१.<br>
आप हमारा क्या बिगाड़ सकते हैं उन्होने पूछा<br>
’कुछ नहीं’<br>
उन्होने कहा : तब आपसे बात करने से क्या फायदा !
२.<br>
झूठ बोलने के क्या क्या फायदे हैं उन्होने पूछा<br>
’कुछ नहीं’<br>
उन्होने कहा : तब झूठ बोलकर क्या फायदा !
३.<br>
उन्होने इसे तोड़ दिया<br>
उन्होने उसे तोड़ दिया<br>