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बहुत गुमनामों में शामिल एक नाम अपना भी है / अमित
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15:34, 28 जनवरी 2010
गौर करने के लिये भी कुछ न कुछ मिल जायेगा
हाले-दिल पर हक़ के बातिल<ref>सच या झूठ</ref> इक कलाम<ref>वाणी या वचन</ref
>
अपना भी है
मेहरबाँ<ref>दयालु</ref> भी हैं बहुत और कद्रदाँ<ref>गुणग्राहक</ref> भी हैं बहुत
Amitabh
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