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13:14, 4 फ़रवरी 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रवीन्द्र प्रभात
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<poem>
यहाँ नही कुछ खास हमारे पास मियाँ !
मन में बस विश्वास हमारे पास मियाँ !
फटी लंगोटी, झोपड़पट्टी है लेकिन -
जीवन का उल्लास हमारे पास मियाँ !
एटम - बम का खौफ दिखाते हो लेकिन -
पृथ्वी , अग्नि, आकाश हमारे पास मियाँ !
पेरिस की हर शाम मुबारक हो तुमको -
आस-पास मधुमास हमारे पास मियाँ !
घर की मर्यादा खातिर हम सह जाते -
होता जब बनवास हमारे पास मियाँ !
मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी -
विश्मिल - वीर सुभाष हमारे पास मियाँ !
कुछ कविता, कुछगीत,ग़ज़ल के लिए"प्रभात"
हर दिन है अवकाश हमारे पास मियाँ !
<poem>