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|रचनाकार=रवीन्द्र प्रभात
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यहाँ नही कुछ खास हमारे पास मियाँ !

मन में बस विश्वास हमारे पास मियाँ !


फटी लंगोटी, झोपड़पट्टी है लेकिन -

जीवन का उल्लास हमारे पास मियाँ !


एटम - बम का खौफ दिखाते हो लेकिन -

पृथ्वी , अग्नि, आकाश हमारे पास मियाँ !


पेरिस की हर शाम मुबारक हो तुमको -

आस-पास मधुमास हमारे पास मियाँ !


घर की मर्यादा खातिर हम सह जाते -

होता जब बनवास हमारे पास मियाँ !


मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी -

विश्मिल - वीर सुभाष हमारे पास मियाँ !


कुछ कविता, कुछगीत,ग़ज़ल के लिए"प्रभात"

हर दिन है अवकाश हमारे पास मियाँ !
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