ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाए हम<br>
दिल ख़ून ख़ूँ में नहाए तो गंगा नहाए हम<br><br>
जन्नत में जाए हम कि जहन्नुम में जाए हम<br>
मुश्किल ये है कि आप में उस वक्त आए हम<br><br>
नराज़ नाराज़ हो ख़ुदा तो करें बन्दगी से ख़ुश<br>
माशूक़ रूठ जाए तो क्यों कर मनाए हम<br><br>
सर दोस्तों के काट कर रक्खे हैं सामने<br>
ग़ैरों से पूछते है हैं कसम किस की खाए हम<br><br>
सौंपा तुम्हें ख़ुदा को चले हम तो नामुराद<br>