|रचनाकार=अमीर खुसरो
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बहुत कठिन है डगर पनघट की ।की।कैसे मैं भर लाउं लाऊँ मधवा से मटकी ?मेरे अच्छे निज़ाम पिया।कैसे मैं भरलाऊँ मधवा से मटकीज़रा बोलो निज़ाम पिया।पनिया भरन को मैं जो गइ थी ।थी।दोड़ दौड़ झपट मोरा मोरी मटकी पटकी ।पटकी।बहुत कठिन है डगर पनघट की।खुसरो निजाम निज़ाम के बल -बल जाईय्ये ।जाइए।लाज रखो मोरे घुंघट राखे मेरे घूँघट पट की ।की।कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकीबहुत कठिन है डगर पनघट की।
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