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03:03, 17 फ़रवरी 2010 प्यार हुआ इक़रार हुआ है<br />
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल<br />
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल<br />
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल<br />
प्यार हुआ इक़रार हुआ ...
कहो कि अपनी प्रीत का गीत न बदलेगा कभी<br />
तुम भी कहो इस राह का मीत न बदलेगा कभी<br />
प्यार जो टूटा, साथ जो छूटा<br />
चाँद न चमकेगा कभी<br />
प्यार हुआ इक़रार हुआ ...
रातों दसों दिशाओं से, कहेंगी अपनी कहानीयाँ<br />
प्रीत हमारे प्यार की, दोहराएंगी जवानीयाँ<br />
मैं न रहूँगी, तुम न रहोगे<br />
फिर भी रहेंगी निशानीयाँ<br />
प्यार हुआ इक़रार हुआ ...