1,129 bytes added,
23:40, 19 फ़रवरी 2010 ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना<br />
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल न जाना<br />
बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे<br />
ढूँढेंगे तुझे गली गली सब ये ग़म के मारे<br />
पूछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना<br />
ओ जानेवाले...<br />
है तेरा वहाँ कौन सभी लोग हैं पराए<br />
परदेस की गरदिश में कहीं तू भी खो ना जाए<br />
काँटों भरी डगर है तू दामन बचाना<br />
ओ जानेवाले...<br />
दे दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए<br />
फिर जाए जो उस पार कभी लौट के न आए<br />
है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना<br />
ओ जानेवाले...