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समयातीत पूर्ण-3 / कुमार सुरेश

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{{KKGlobal}}== समयातीत पूर्ण ३ {{KKRachna =|रचनाकार=कुमार सुरेश}}{{KKCatKavita‎}}<poem>हे माधव
तुमने किया
जीवन को पूर्ण स्वीकार
मथुरा छोड़ी सारा यादव कुल था बेचैन
मुड -मुड देखते थे
युमना के कगारों को
गाव की गलियो को
जीवन के प्रति कटु गंभीरता की नियति
विलोपन और विस्तृति के सिवा कुछ नहीं है
 
</poem>
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