|संग्रह=चैती / त्रिलोचन
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नन्हे ने सिर पर हवाई जहाज़ देखा
तो हठ पकड़ा
पापा, पापा,
हवाई जहाज़ मुझे भी ला दो
मैं भी उड़ाऊँगा
कैसे समझाए कोई बच्चे को
वह क्या जाने हवाई जहाज़
उस का बाप भी
बस देखा करता है और
उसे पाने का
स्वप्न तक नहीं देखा उस ने
किसी दिन
पापा, हवाई जहाज़
जाओ, अभी ला दो
हम उसे उड़ाएँगे
मम्मी ने इसी समय मोटर में चाभी भरी
फिर तो वह दौड़ चली
फिर पुकार कर कहा
नन्हे, यहाँ आओ
ज़रा देखो तो
यह क्या है
नन्हा उतरा, दौड़ा, मम्मी के पास गया
और देखने लगा मम्मी ने पूछ दिया
नन्हे यह किस की है.
नन्हे ने कहा, मेरी है. छोड़ो तुम
अब मैं दौड़ाऊँगा
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