गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
टूटा हृदय / त्रिलोचन
33 bytes added
,
23:43, 21 फ़रवरी 2010
|संग्रह=चैती / त्रिलोचन
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कहीं से टूटा भी हृदय अपना नित्य अपना
रहेगा
.
।
भूले भी पथ पर इसे छोड़ कर जो चलेगा, भोगेगा
.
।
क्षण क्षण कहानी अवश सी
सुनाएगी गाथा, मुखर मुख होंगे सुरस से
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits