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घटना / त्रिलोचन
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|संग्रह=चैती / त्रिलोचन
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जिसे मैंने खोजा, पल पल सँवारा स्मरण से,
उसे देखा आँखों, तन मन बिसारे विकल हो,
किसी के पीछे है. सकल घटना भर्तृहरि की
लिखी देखी आगे. अगम तम में भी सुगम था
.
।
</poem>
अनिल जनविजय
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