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यही हालात इब्तदा से रहे / जावेद अख़्तर
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16:52, 23 फ़रवरी 2010
{{KKCatGhazal}}
यही हालात इब्तदा से रहे <br>
लोग हमसे ख़फ़ा-ख़फ़ा
-
से रहे <br><br>
बेवफ़ा तुम कभी न थे लेकिन <br>
ये भी सच है कि बेवफ़ा
-
से रहे <br><br>
इन चिराग़ों में तेल ही कम था <br>
द्विजेन्द्र द्विज
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