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कहो रामजी / शांति सुमन
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18:33, 26 फ़रवरी 2010
अपना घर दालान छोड़कर
पोखर-पान-मखान छोड़कर
छानी पर
लोकी
लौकी
की लतरें
कोशी-कूल कमान छोड़कर
Amitprabhakar
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