रीछ का बच्चा / कवि: [[नज़ीर अकबराबादी]][[Category:कविताएँ]][[Category:नज़ीर अकबराबादी]] ~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~
कल राह में जाते जो मिला रीछ का बच्चा।
ले आए वही हम भी उठा रीछ का बच्चा ।
सौ नेमतें खा-खा के पला रीछ का बच्चा ।
जिस वक़्त बड़ा रीछ हुआ रीछ का बच्चा ।
जब हम भी चले, साथ चला रीछ का बच्चा ।।