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झुमके वह झमकते थे, पड़े जिस पे करनफूल ।करनफूल।
मुक़्क़ैश५ की लड़ियों की पड़ी पीठ उपर झूल ।झूल।
और उनके सिवा कितने बिठाए थे जो गुलफूल ।गुलफूल।
यूं लोग गिरे पड़ते थे सर पांव की सुध भूल ।
गोया वह परी था, कि न था, रीछ का बच्चा ।4।बच्चा।4।
वह क्या हुए,अगले जो तुम्हारे थे वह बन्दर ।
हम उनसे यह कहते थे ‘‘यह "यह पेशा है ‘क़लन्दर’।
हाँ छोड़ दिया बाबा उन्हें जंगल के अन्दर ।अन्दर।
जिस दिन से ख़ुदा ने यह दिया, रीछ का बच्चा’’ बच्चा"।6।
इस ढब से उसे चौक के जमघट में नचाया ।
जो सबकी निगाहों में खपा ‘‘रीछ "रीछ का बच्चा’’ बच्चा"।7।
फिर नाच के वह राग भी गाया, तो वहाँ वाह ।
फिर कहरवा नाचा, तो हर एक बोली जुबां ‘‘वाह’’ "वाह"
हर चार तरफ़ सेती९ कहीं पीरो जवां ‘‘वाह’’ "वाह"
सब हँस के यह कहते थे ‘‘मियां "मियां वाह मियां’’ मियां"
क्या तुमने दिया ख़ूब नचा रीछ का बच्चा ।8।बच्चा।8।
और कोई यह कहता था ‘अरे वाह रे उस्ताद’ ।
‘‘तू "तू भी जिये और तेरा सदा रीछ का बच्चा’’।9।बच्चा"।9।
जब हमने उठा हाथ, कड़ों को जो हिलाया ।हिलाया।
ख़म ठोंक पहलवां की तरह सामने आया ।आया।
लिपटा(१) तो यह कुश्ती का हुनर आन दिखाया ।दिखाया।
वां वाँ छोटे -बड़े जितने थे उन सबको रिझाया । रिझाया।
इस ढब से आखाड़े में लड़ा रीछ का बच्चा ।।१०।।बच्चा।10।
जब कुश्ती की ठहरी तो वहीं सर को जो झाड़ा ।झाड़ा।
ललकारते ही उसने हमें आन लताड़ा ।लताड़ा।
गह हमने षछाड़ा उसे, गह उसने पछाड़ा ।पछाड़ा।
एक डेढ़ पहर फिर हुआ कुश्ती का अखाड़ा ।अखाड़ा।
गर हम भी न हारे, न हटा रीछ का बच्चा ।11।बच्चा।11।
यह दाँव में पेचों में जो कुश्ती में हुई देर ।देर।
यूँ पड़ते रूपे-पैसे कि आंधी में गोया बेर ।बेर।
सब नक़द हुए आके सवा लाख रूपे ढेर ।ढेर।
जो कहता था हर एक से इस तरह से मुँह फेर । फेर।
‘‘यारो "यारो तो लड़ा देखो ज़रा रीछ का बच्चा’’।12।बच्चा"।12।
कहता था खड़ा कोई जो कर आह अहा हा ।हा।
इसके तुम्हीं उस्ताद हो वल्लाह ‘‘अहा हा’’ "अहा हा"
यह सहर१२ किया तुमने तो नागाह ‘‘अहा हा’’ "अहा हा"
क्या कहिये ग़रज आख़िरश ऐ वाह ‘‘अहा हा’’ "अहा हा"
ऐसा तो न देखा, न सुना रीछा का बच्चा ।।१३।।बच्चा।13।
जिस दिन से ‘‘नज़ीर’’ "नज़ीर" अपने तो दिलशाद यही हैं ।
जाते हैं जिधर को उधर इरशाद यही हैं ।
कल चौक में था जिनका लड़ा रीछ का बच्चा ।14।
 
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'''शब्दार्थ:'''
 
सरापा - आपादमस्तक
 
दुर - मोती
 
पुर ज़र - जड़ाऊ
 
मुक़्क़ैश - सोने-चाँदी का काम की हुई
 
पीरो - बूढ़ों
 
अम्बोह - भीड़
 
क़लन्दर - फ़क़ीर, मदारी
 
शाद - ख़ुश
 
सहर - जादू
 
नागाह - अचानक
 
इरशाद - आज्ञा
 
साहिबे ईजाद - आविष्कारक
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