Changes

किस से पर्दा रखते हो
क्यों ओट में बेठ के तकते हो
 
 
'''मूल पंजाबी पाठ'''
 
पर्दा किसतों राखी दा
कियों ओहले बह बह झाँकी दा,
पहले आप साजन साजी दा,
हुण दसना ऐं सबक़ नमाज़ी दा,
हुन आया आप नज़ारे नूं,
विच लैली बन झाँकी दा ।।१।।
 
शाह शमस दी खाल लहायो,
मंसूर नूं च सूली दिवायो,
ज़क्रीए सिर कल्क्तर धरायो,
कि लिख्या रह गया बाक़ी दा? ।।२।।
 
कुन किहा फ़ैकुन कहाया,
बेचुनी दा चुन बस्साए,
खातर तेरी जोगत बणाया,
सिर पर छतर लौकाई दा ।।३।।
 
कुण साडी वल धाया हैं,
न रहन्दा छप्पा छपाया है,
किते बुल्ला नाम धराया हैं,
विच ओहला रख्या खाकी दा ।।४।।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits