गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कहूँ जो हाल, तो कहते हो / ग़ालिब
7 bytes added
,
20:52, 13 मार्च 2010
सफ़ीना<ref>नाव</ref> जब कि किनारे पे आ लगा 'ग़ालिब'
ख़ुदा से क्या सितम-ओ-जोर-ए-ना-ख़ुदा<ref>नाव चलाने वाले
की
कठोरता और अत्याचार</ref> कहिये
</poem>
{{KKMeaning}}
Sandeep Sethi
Delete, Mover, Uploader
894
edits