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07:33, 14 मार्च 2010 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा= पंजाबी }}
<poem>
मधानियाँ ,
ओये मेरेया डाडेया रब्बा ,
किना जम्मियाँ किना ने ले जानियाँ.
हाय छोले ,
बाबुल तेरे मैहलां विचों
सत रंगिया कबूतर बोले
हाय पावे ,
बाबुल तेरे मैहलां विचों
ठंडी हवा पूरे दी आवे.
हाय फीता ,
ऐना सकेयाँ वीरान ने
डोला टोर के अगां नू कीता.
हाय फीता ,
ऐना सकियां भाबियाँ ने
डोला टोर के कच्चा दुध पीता.
हाय कलियाँ,
मावां धीयाँ मिलन लगियां
चारे कंदां चबारे दियां हलियाँ
</poem>