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|रचनाकार=ग़ालिब|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
हम रश्क<ref>ईर्ष्या</ref> को अपने भी गवारा<ref>सहमत होना</ref> नहीं करते
मरते हैं, वले<ref>लेकिन</ref> उन की तमन्ना नहीं करते
हम रश्क को अपने भी गवारा नहीं करतेदर पर्दा<brref>परदे के पीछे</ref>, उन्हें ग़ैर से है रब्त-ए-निहानी<ref>गुप्त मित्रता</ref>मरते हैं वले उन की तमन्ना नहीं करतेज़ाहिर<brref>दिखावा<br/ref>का ये पर्दा है कि पर्दा नहीं करते
दर पर्दा उन्हें ग़ैर से है रब्त-ए-निहानी<br>ज़ाहिर का ये पर्दा है कि पर्दा नहीं करते<br><br> यह बाइस-ए-नौमीदिनौमीदी-ए-अर्बाबअरबाब-ए-हवस है<brref>कामुक लोगों की निराशगी का कारण</ref> है"ग़ालिब" को बुरा कहते हो अच्छा नहीं करते<br><br/poem>{{KKMeaning}}