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{{KKFilmRachna
|रचनाकार=इन्दीवरइंदीवर
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जब जीरो दिया मेरे भारत ने <br /poem>भारत ने जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने <br />, दुनिया को तब गिनती आयी <br />आईतारों की भाषा भारत ने , दुनिया को पहले सिखलाई <br />देता न दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था <br />धरती और चाँद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था <br /><br />
सभ्यता जहां पहले -२ <br />पहले जन्मी है जहाँ पे कला <br />अपना भारत वो देता ना दशमलव भारत है, जिसके पिच्छे संसार चला <br />संसार चला और आगे बढ़ातो, यूँ आगे बढ़ा बढ़ता ही गया <br />चाँद पे जाना मुश्किल थाभगवन करे ये धरती और बढे, बढ़ता ही रहे ओर फुले फले <br />हो हो हो <br /> <br />है प्रीत जहाँ चाँद की रीत सदा -३ <br /> मै गीत वहाँ के गाता हूँ, भारत दूरी का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ <br />है प्रीत जहाँ की रीत सदा <br /> <br />अंदाज़ लगाना मुश्किल था
काले गोरे का भेद नहींसभ्यता जहाँ पहले आई, हर दिल से हमारा नाता पहले जनमी है..... <br />जहाँ पे कला कुछ ओर ना आता हो हमको, हमे प्यार निभाना आता अपना भारत वो भारत है <br />जिसे मान चुकी सारी दुनिया, हो जिसे मान चुकी सारी दुनिया <br />जिसके पीछे संसार चलामै बातसंसार चला और आगे बढ़ा, मै बात वही दोहराता हूँ <br />ज्यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया भारत का रहने वाला हूँभगवान करे ये और बढ़े, भारत की बात सुनाता हूँ <br />है प्रीत की रीत सदा <br /> <br />बढ़ता ही रहे और फूले-फले
जीते हों किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है <br />जहां राम अभी तक है नर मेंप्रीत जहाँ की रीत सदा, नारी में अभी तक सीता है <br />इतने पवन हैं लोग जहां, हो इतने पवन हैं लोग जहां <br />मै नित नित, मै नित नित शीश झुकता मैं गीत वहाँ के गाता हूँ <br />भारत का रहने वाला हूँ भरा , भारत की बात सुनाता हूँ <br /><br />
काले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है कुछ और न आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूँ भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ  जीते हो किसीने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है जहाँ राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है इतने पावन हैं लोग जहाँ, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँभारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ  इतनी ममता नदियों को भी जहा , जहाँ माता कहके बुलाते हैं <br />है इतना आदर, इंसान इन्सान तो क्या , पत्थर भी पूजे जाते हैं <br />जातें है उस धरती में मैंने जन्म लिया हो उस धरती पे मैंने जन्म लिया <br /> ये सोच, ये सोच के मै मैं इतराता हूँ <br />भारत का रहने वाला हो हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ <br /> है प्रीत जहा की रीत सदा <br /poem>
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