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{{KKGlobal}}{{KKFilmSongCategories|वर्ग=देश भक्ति गीत}}{{KKFilmRachna|रचनाकार= जावेद अख़्तर}}<poem>जंग तो चंद रोज होती है - 2, जिन्दगी वर्षों बरसों तलक रोती है<br /> <br />
सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी बारूद से जलते गाँव<br /> बोझल सारी फिज़ा, है मोत की बू फैलाती हवाये नदियों पर टूटे हुए पुलजख्मों पे है छाई लाचारी, धरती घायल और व्याकुल<br />गलियों में है फिरती बीमारीये खेत ग़मों से झुलसे हुएमरते बच्चे हाथों में, ये खाली रस्ते सहमे हुए<br />माओं का रोना रातों मेंये मातम करता सारा समांमुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थरमेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसायेमुझे से तुझ से, हम दोनों से, सुन ये जलते घर ये काला धुआं -२<br />पत्थर कुछ कहते हैंओ ओ ओ हो हो..<br /> <br />बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैंमेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये
सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँवये नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल और व्याकुलये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये खाली रस्ते सहमे हुएये मातम करता सारा समां, ये जलते घर ये काला धुआंमेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२ <br />मुझे से तुझ से, हम दोनों से ये जलते घर कुछ कहते हैं <br />बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय.. अ <br />मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए.. ओ ओ हो.. हो हो हो <br /> <br />
बारूद से बोझल सारी फिजा, है मोत की बू फैलाती हवा <br />जख्मो पे है छाई लाचारी, कलियों में है फिरती बीमारी <br />ये मरते बच्चे हाथो में, ये माओं का रोना रातों में <br />मुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर -२, <br />हो ओ ओ हो हो हो <br /> <br /> मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२ <br />मुझे से तुझ से, हम दोनों से, सुन ये पत्थर कुछ कहते हैं <br />बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय <br />मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये. हो हो हो ...ओ हो हो हो ओ <br /> <br /> मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये <br />चेहरों के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर <br />बर्बादी के सारे मंजर, सब मेरे तेरे नगर सब तेरे मेरे नगर, ये कहते हैं <br />इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक नफरत का ये अजगर -२ <br />हम अपने अपने खेतो में, गेहू गेहूँ की जगह चावल की जगह <br />ये बन्दुखे बन्दूके क्यों बोते हैं, <br />जब दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं -२ <br />आ खाएं कसम अब जंग नहीं होने पाए -2 <br />ओर उस दिन का रस्ता देंखें, <br />जब खिल उठे तेरा भी चमन, जब खिल उठे मेरा भी चमन <br />तेरा भी वतन मेरा भी वतन, मेरा भी वतन तेरा भी वतन <br />तेरा भी वतन मेरा भी वतन ओ ओ ओ हो हो ओ <br />मेरे दोस्त, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२ <br /poem>
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