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{{KKGlobal}}{{KKFilmSongCategories|वर्ग= बालगीत}}{{KKFilmRachna|रचनाकार= साहिर लुधियानवी}}<poem>मेरे घर आयी आई एक नन्ही परीचाँदनी के हसीन रथ पे सवारमेरे घर आई..
चान्दनी उसकी बातों में शहद जैसी मिठासउसकी सासों में इतर की महकासहोंठ जैसे के हसीन रथ पे सवारभीगे-भीगे गुलाबगाल जैसे के बहके-बहके अनारमेरे घर आई ...
उसके आने से मेरे आंगन में
खिल उठे फूल गुनगुनायी बहार
देख कर उसको जी नहीं भरता
चाहे देखूँ उसे हज़ारों बार
मेरे घर आई ...
उसके आने से मेरे आंगन मे खिल उठे फुल गुनगुनायी बहार देखकर उसको जी नही भरता चाहे देखू उसे हज़ारो बार  मैने पूंछा पूछा उसे कि कौन है तू हंस के हँसके बोली कि मै हू मैं हूँ तेरा प्यार मै मैं तेरे दिल मे में थी हमेशा से  घर मे आयी हू में आई हूँ आज पहली बार  मेरे घर आयी एक नन्ही परीआई ...</poem>
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