गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हर ख़ुशी में कोई कमी सी है / जावेद अख़्तर
4 bytes removed
,
01:23, 28 मार्च 2010
किसको समझायें किसकी बात नहीं
ज़ेह्न
ज़ेहन
और दिल में फिर ठनी-सी है
ख़्वाब था या ग़ुबार था कोई
गर्द इन पलकों पे जमी- सी है
कह गए हम ये किससे दिल की बात
Sandeep Sethi
Delete, Mover, Uploader
894
edits