गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अगर फूल-काँटे में फरक हम समझते / तारा सिंह
No change in size
,
12:40, 28 मार्च 2010
{{KKCatGhazal}}
<poem>
:अगर फूल-काँटे में
फरक
फर्क
हम समझते
:बेवफा तुमसे मुहब्बत न हम करते
:खुदा की कसम मुहब्बते-खत न हम लिखते
:जो मालूम होता, मुहब्बते
बर्वादी
बरबादी
में तुम भी हो
:शामिल, तो एहदे मुहब्बत न हम करते
</poem>
Sandeep Sethi
Delete, Mover, Uploader
894
edits