कहाँ गायब हो गए थे? मेरी तरह तुम भी किसी योजना में लग गए होंगे। नयी उपलब्धियाँ क्या हैं, बताओ कुछ। कविता कोश में सक्रिय हो जाओ अब। बाक़ी तो सम्यक ने लिख ही दिया है।
तुम्हारा--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] 14:08, 17 अप्रैल 2010 (UTC)
कहीं नहीं..लौट तो आया हूँ पर पिछले दो दिन से आँख में कंजंक्टिवाइटिस से त्रस्त हूँ दो एक दिन और फिर वहीं मुस्तैदी...