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कुछ नमक से भारी थैलियाँ खोलिए / ओमप्रकाश यती
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13:21, 18 अप्रैल 2010
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<poem>
कुछ नमक से
भारी
भरी
थैलियाँ खोलिए
फिर मेरे घाव की पट्टियाँ खोलिए।
डा० जगदीश व्योम
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