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एक परिवार की कहानी / अवतार एनगिल
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04:39, 20 अप्रैल 2010
एक थी धुनाई
एक थी पिटाई
तात
रात
जब आई
मैं भाग खड़ा हुआ
छोड़ा ऊना
पहुँचा पूना
छोटा-
छोटा
मोटा
व्यापार किया
कुछ कमाया
कुछ खाया
और मां के सामने
उसकी छोटी बहू को पेश कर कहूंगा :
'जी भर कर गालियां
दें
दे लो माँ
।
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