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यात्री से / अवतार एनगिल

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चलने
और चलने वाले पथिक
अशो अशोक के पेड़ों तले पहुंचते ही
तुम अ-शोक हो जाना
ज़रूर मुस्कुराना
हृदय में दहकती सच्चाई
ये हे पथिक !
पथिक हे !
उसी धधकते सत्य को