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ठाकुर जी / महादेवी वर्मा
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,
15:10, 3 मार्च 2007
'''ठाकुर जी'''
== '''ठाकुर जी'''
ठंडे पानी से
नहलाती
नहलातीं
, ठंडा चंदन इन्हें
लगाती
लगातीं
, इनका भोग हमें दे
जाती
जातीं
,
फिर भी कभी नहीं बोले हैं।
माँ के ठाकुर जी भोले हैं।
-प्रथम आयाम
== ==
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Shishirmit