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अप्सरा / सुमित्रानंदन पंत
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07:01, 13 मई 2010
:रच-रच रूप नवीन,
तुम सुर-नर-मुनि-इप्सित-अप्सरि!
:
त्रिभुवन भर में लीन।
अंग अंग अभिनव शोभा का
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