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विनती / मन्नन द्विवेदी गजपुरी
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18:28, 16 मई 2010
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‘विनती
विनती
सुन लो हे भगवान,
:::हम सब बालक हैं नादान।।१।।
विद्या बुद्धि नहीं है पास,
अनिल जनविजय
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