गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
छूट जाएँ जब तन से प्राण / सुमित्रानंदन पंत
2 bytes added
,
08:06, 19 मई 2010
<poem>
छूट जावें जब तन से प्राण
सुरा में मुझे कराना स्नान
!
सुरा, साक़ी, प्याली का नाम
सुनाना मुझे उमर अविराम!
:खोजना चाहे कोई भूल
:मुझे मेरे मरने के बाद
,
:पांथशाला की सूँघे धूल,
:दिलाएगी वह मेरी याद!
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits