Changes

<poem>
छूट जावें जब तन से प्राण
सुरा में मुझे कराना स्नान!
सुरा, साक़ी, प्याली का नाम
सुनाना मुझे उमर अविराम!
:खोजना चाहे कोई भूल
:मुझे मेरे मरने के बाद,
:पांथशाला की सूँघे धूल,
:दिलाएगी वह मेरी याद!
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits