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गज़ा पट्टी-1 / निर्मला गर्ग
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17:44, 27 मई 2010
आज फिर उद्देलित है
अरब सागर
सूअरों
-
कुत्तों की तरह फिर मारे जा रहे फिलिस्तीनी
लाल हो रही रक्त से फिर
गज़ा पट्टी
'''रचनाकाल''' : 2009
</poem>
अनिल जनविजय
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