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बालक की इच्छा / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
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19:56, 31 मई 2010
उनकी सारी आशाएँ ।।
मुझको दो वरदान
प्रभू
प्रभु
!
मैं सबका ऊँचा नाम करूँ ।
मानवता के लिए जगत में,
अच्छे-अच्छे काम करूँ ।।
</poem>
अनिल जनविजय
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