गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आँसू / जयशंकर प्रसाद / पृष्ठ २
1 byte removed
,
17:38, 29 अप्रैल 2007
<br />
मुख-कमल समीप सजे थे<br />
दो किसलय
<
से पुरइन के<br />
जलबिन्दु सदृश ठहरे कब<br />
उन कानों में दुख किनके?<br />
Anonymous user
202.153.38.4