{{KKCatHimachal}}
<sort order="asc" class="ul">
[[बुना हुआ फ़रेब का न कोई जाल फेंकिए / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[पढ़ेगी जब तलक दुनिया लिखा दीवान ग़ालिब का / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[जिस ज़मीं से तू जुड़ा है बस उसी की बात कर / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[इक बार क्या मिले हैं किसी रोशनी से हम / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]