{{KKCatHimachal}}
<sort order="asc" class="ul">
[[नहीं वाद कोई यहां निर्विवादित / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[हसीन ख़ुद को शाम से जवां सहर से देखिए / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[देख अपनी बदनसीबी दिल यूं धड़कता यारो/ मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[ले हाथों में अपने जो हल लिख रहा है / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[ख़फ़ा जिनसे अक्सर चमनज़ार होंगे / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[यहां सात पर्दों में हर शै छुपी है / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[बुना हुआ फ़रेब का न कोई जाल फेंकिए / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
[[पढ़ेगी जब तलक दुनिया लिखा दीवान ग़ालिब का / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]