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रहस्य / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
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10:23, 28 मार्च 2007
स्थूल हो रहे रूप बनाकर,
कर्मों की भीषण परिणति है,
श्रद्धायुत मनु बस तन्मय थे।
''''''''''-- Done By: Dr.Bhawna Kunwar''''''''''
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Bhawnak2002