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महानगर / मुकेश मानस
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KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=पतंग और चरखड़ी / मुकेश मानस
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<poem>
महानगर
लोगों को ढूँढता फिरा मैं
लोग नहीं मिले
लोग थे बहुत
और उनकी
आंखों
आँखों
में घर थे
रचनाकाल :
1998<
/
poem>
अनिल जनविजय
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