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प्रेमपत्र को विदाई / अलेक्सान्दर पूश्किन
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10:18, 5 जून 2010
पीड़ा तीखी उठी हृदय में औ' उदास हो गया मन
जीवन भर अब बसा रहेगा मेरे भीतर यह क्षण ।।
'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</poem>
अनिल जनविजय
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