गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बस्ती के लोग / मुकेश मानस
40 bytes removed
,
10:53, 6 जून 2010
{{KKCatKavita}}
<poem>
'''बस्ती के लोग'''
ये बस्ती है या मौत का घर
चाहे कोई हो पहर
Mukeshmanas
681
edits