Changes

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देखो
हमारी भावनाएँ भावनाएं
अब
भावनाएँ भावनाएं नहीं रहीं
ये बन गयी हैं
बिफरा नाग
घातक ही होगा
तुम्हारे लिए !
 __ बहुत सहे हैं
आघात पर आघात
किन्तु
ये गांधीवादी राह
विफल हो गयी लगती है !!
 हम इन्तजार __हम इन्तेजार ही करते रह गये
कि कभी तुम्हें भी
हमारी भूख का एहसास हो,
हमारी खुशियों में
तुम भी वाह करो !!!
 अब __अब ख़त्म हो चुकी हैं इन्तजार इन्तेजार की घड़ियाँ
आर-पार का संघर्ष है ये ,
हमारे __हमारे हाथों में
तलवार ही
शायद तुम्हें पसंद हो !
 पहले ___पहले बता दिया होता
हम शान्तिपसंद /
प्रेम के पुजारी
लहू बहाना भी जानते हैं .
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