गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हाइकु / कमलेश भट्ट 'कमल'
6 bytes added
,
13:44, 9 जून 2010
प्रीत हाँ प्रीत दुनिया में सुख की एक ही रीत
,
।
आप से मिले तो लगा क्या मिलना किसी और से
ढ़ूंढता रहा खुद को दिन रात ढूंढ नहीं पाया
डा० जगदीश व्योम
929
edits