गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हाइकु / कमलेश भट्ट 'कमल'
4 bytes added
,
13:50, 9 जून 2010
युग-युगो से सोए पड़े पहाड़ जागेंगे कब?
गावों से लाता शुद्ध आक्सिजन भी वश न चला
भीड़ तो बढ़ी विरल हो चले है रिश्ते परंतु
डा० जगदीश व्योम
929
edits