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'''बारूद और बच्चे'''
ममता से वंचित-शापित
माँओं के ख्यालों में
ऎसी घटनाओं के मव्जूदा चलन में
बदचलन कुमाताएं कुमाताएँ विकृत करती जा रही हैं
ममत्त्व का चेहरा
और कूड़े में निपटाए जाने वाले बच्चों को
सफल प्रयोगों के अंतिम चरण में है
सो, बच्चे लोकप्रिय धारणाओं के विपरीत
अपनी विहंसती विहँसती किलकारियों से
बारूदी विस्फोट कर रहे हैं
भविष्य के अंध कूप में
बारूदी ज़खीरा इकट्ठा कर रहे हैं.।
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