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गौतम राजऋषि
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19:49, 12 जून 2010
* [[रात भर चाँद को यूँ रिझाते रहे / गौतम राजरिशी]]
* [[खुद से ही बाजी लगी है / गौतम राजरिशी]]
* [[
है मुस्कुराता फूल कैसे तितलियों
तीरगी चांद के ज़ीने
से
पूछ लो
सहर तक पहुँची
/ गौतम राजरिशी]]
</sort>
वीनस केशरी
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