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उस वक़्त / परवीन शाकिर
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07:38, 14 जून 2010
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|रचनाकार=परवीन शाकिर
|संग्रह=
ख़ुशबू / परवीन शाकिर
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
जब
आंख
आँख
में शाम उतरे
पलकों पे शफ़क फूले
काजल की तरह मेरी
आंखों
आँखों
को धनक छू ले
उस वक़्त कोई उसको
आंखों
आँखों
से मेरी देखे
पलकों से मेरी चूमे
</poem>
अनिल जनविजय
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