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20:25, 14 जून 2010 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मजरूह सुल्तानपुरी
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[[Category:ग़ज़ल]]<poem>
हमें ए दिल कहीं ले चल बड़ा तेरा करम होगा
हमारे दम से है हर गम न होने हम न गम होगा
खबर क्या थी भार आ कर हमारे आशियाने पर
नई बिजली गिरायेगी नया हम पे सितम होगा
तमन्नाओं से बदली है न बदलेगी कभी किस्मत
लिखा है जो मुकद्दर में वही तेरा करम होगा
</poem>