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पिल्लू / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
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06:34, 15 जून 2010
मैं गोदी में तुम्हें खिलाता,
ब्रेड डालकर दूध पिलाता
,
।
दस वर्षों तक साथ निभाया,
आज छोड़ दी तुमने काया ।
विपदाओं से नही डरे तुम,
कुत्ते की नही मौत मरे तुम ।
पीड़ा देती बहुत जुदाई,
पिल्लू-राजा तुम्हें विदाई ।
</poem>
अनिल जनविजय
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