Changes

खड़ा-खड़ा जो सेवा करता,
सबका जीवनदाता ।
बिन जिसके ना बादल आएँ,
बोलो क्या कहलाता ?
ऊँचा-ऊँचा जो उड़े,
ना बादल ना चील ।
कभी डोर उसकी खिंचे,
कभी पेच में ढील ।।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits